इंडिया गेट का इतिहास | India Gate History in Hindi
INDIA GATE:
इंडिया गेट भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है जिसकी ऊंचाई लगभग 43 मीटर है नई दिल्ली का ये विशाल द्वार राजपथ में स्थित है जोकि स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय स्मारक है अर्थात भारत की पहचान है जिसे पुराने ज़माने में किंग्सवे कहा जाता था इस विशाल दरवाजे का डिजाइन सर एडवर्ड लुटियंस ने तैयार किया था जिसे स्मारक पेरिस के आर्क डे ट्रायम्फ से प्रेरित होकर सन 1931 तैयार किया गया था जहा 70000 भारतीय सैनिक का स्मारक है जिन्होंने विश्व युद्ध के -१ के दौरान अपनी जान गवाई थी इस स्मारक में अफगान युद्ध -1919 के दौरान मारे गए 13516 से अधिक ब्रिटश और भारतीय सैनिको के नाम भी अंकित है.
भारतीय युद्ध स्मारक के रूप जाना जाने वाला यह विशाल स्मारक अग्रेज शासको द्वारा उन 10000 भारतीय सैनिको के स्मृति के लिए तैयार किया गया था. जोकि ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम युद्ध और अफगान युद्ध के दौरान शहीद हुए थे इंडिया गेट की आधारशिला 1921 में डयूक आफ कनाट ने रखी थी इस स्मारक को 10 साल बाद लार्ड इर्विन ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था यहां मेहराज के नीचे अमर ज्योति दिन रात लगातार जलती रहती है जो की शहीदों की याद में जलाई गयी थी और जो की हमें शहीदों के कुर्बानियो की याद दिलाती है नई दिल्ली का ये विशाल स्मारक लाल और पीले रंग की बलुई मिटटी से बना है यह स्मारक देखने में किसी विशाल दरवाजे के सामान लगता है जो वाकई की दर्शनीय है.
इस विशाल द्वार के कोने में मेहरबो पर ब्रितानिया -सूर्य अंकित है जबकि दोनों तरफ इण्डिया शब्द अंकित है सबसे ऊपर के हिस्से में कटोरे के आकर का गुमबद तैयार किया गया है जो की ज्योति प्रकाशित करने हेतु बनाया गया है लेकिन इसका प्रयोग कभी कबर ही किया जाता है.
रात के समय यह खूबसूरत स्मारक फ्लडलाइट से जगमगाया जाता है और इसके पास फौवारे की रोशनी भी जगमगाती है इसके आस पास के इलाके को नई दिल्ली के नाम से पुकारते है.
इंडिया गेट से होकर कई महत्वपूर्ण मार्ग निकलते है जिसके आसपास के इलाको से पहले यातायात काफी अधिक होता था जिस वजह से इस इलाके में काफी भीड़ और प्रदूषण फ़ैल रहा था जिस कारण वश अब यहां वाहनों को चालने की सेवाएं बंद कर दी गयी है यह केवल पर्यटकों के लिए ही खुला है जो की पूर्ण रूप से निशुल्क है प्रति वर्ष गड्तंत्र दिवस पर निकलने वाली परेड राष्ट्रीय भवन से शुरू होकर इंडिया गेट से होते हुए लालकिला तक पहुँचती है.
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